Threads from रावल सिंह भाटी - Rattibha
रणकर कर रज रज रंगे, रवि ढके रज हूंत।
रज जीती धर न देवे, रज रज व्हे रजपूत।।
पाबू हडबू रामदे, मांगलिया मेहा ।
पांचों वीर पधारजो,गोगोजी जेहा ।।
जयमातारानी भटियाणी Threads from रावल सिंह भाटी @brawalsingh0 - Rattibha