चिरागे शाम हूं , जुल्मत में भी मुस्कुराऊंगा। मुझे सम्भालकर रखना यारों, मैं वक्त पर हमेशा काम आऊंगा।।
चिरागे शाम हूं , जुल्मत में भी मुस्कुराऊंगा। मुझे सम्भालकर रखना यारों, मैं वक्त पर हमेशा काम आऊंगा।।