न हवाला कोई चाहा , न दलीले मांगी तुमने लहराया मगन होके वतन का झंडा अगर आक़ा_ﷺ की मुहब्बत का तुम्हें दावा है कियूँ बुरा लगता है फिर शाहे ज़मन का झ
न हवाला कोई चाहा , न दलीले मांगी तुमने लहराया मगन होके वतन का झंडा अगर आक़ा_ﷺ की मुहब्बत का तुम्हें दावा है कियूँ बुरा लगता है फिर शाहे ज़मन का झ