मेरी बदतमीजियां तो जग ज़ाहिर है लेकिन, आपके शराफत के निशां क्यों नही मिलते!!
मेरी बदतमीजियां तो जग ज़ाहिर है लेकिन, आपके शराफत के निशां क्यों नही मिलते!!