नाइंसाफ़ी की हद तो देखो अब तो मिट्टी तक पर एतराज़ है न भूल तू ये हुक्मरान कयामत तक न हुआ किसी का राज है
नाइंसाफ़ी की हद तो देखो अब तो मिट्टी तक पर एतराज़ है न भूल तू ये हुक्मरान कयामत तक न हुआ किसी का राज है