वास्तविक शिक्षा : मित्र से बात हो रही थी, वे किसी कथावाचक या अपने गुरु का गुणगान कर रहे थे। बोले : महाराज जी को सुनते हैं तब आत्मा तृप्त हो जाती
वास्तविक शिक्षा : मित्र से बात हो रही थी, वे किसी कथावाचक या अपने गुरु का गुणगान कर रहे थे। बोले : महाराज जी को सुनते हैं तब आत्मा तृप्त हो जाती