आया तेरह अपै्रल दिवस फिर लेकर सुधियों की माला। था देशवासियों को जिस दिन जल्लाद बना जलियांवाला॥ अमृतसर की उस धरती को था कंपित किया तबाही ने। अत्याचा
आया तेरह अपै्रल दिवस फिर लेकर सुधियों की माला। था देशवासियों को जिस दिन जल्लाद बना जलियांवाला॥ अमृतसर की उस धरती को था कंपित किया तबाही ने। अत्याचा