संध्या वंदन 🧵 दिन और रात्रि के, रात्रि और दिन के तथा पूर्वान्ह और अपरान्ह के संधिकाल में एकाग्रचित्त होकर जो उपासना की जाती है, उसे संध्या कहते हैं
संध्या वंदन 🧵 दिन और रात्रि के, रात्रि और दिन के तथा पूर्वान्ह और अपरान्ह के संधिकाल में एकाग्रचित्त होकर जो उपासना की जाती है, उसे संध्या कहते हैं