ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की
ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की