निज पद नयन दिएँ मन राम पद कमल लीन। परम दुखी भा पवनसुत देखि जानकी दीन॥ जो अड़तालीस चिन्ह भगवान श्री रामचन्द्र जी के दोनों चरणों मे है, अशोक वाटिका
निज पद नयन दिएँ मन राम पद कमल लीन। परम दुखी भा पवनसुत देखि जानकी दीन॥ जो अड़तालीस चिन्ह भगवान श्री रामचन्द्र जी के दोनों चरणों मे है, अशोक वाटिका