।।श्री रामचरित मानस अनुसार कलियुग की व्याख्या।। 🌺कृतजुग त्रेताँ द्वापर पूजा मख अरु जोग। जो गति होइ सो कलि हरि नाम ते पावहिं लोग॥🌺 भावार्थ:-सतयु
।।श्री रामचरित मानस अनुसार कलियुग की व्याख्या।। 🌺कृतजुग त्रेताँ द्वापर पूजा मख अरु जोग। जो गति होइ सो कलि हरि नाम ते पावहिं लोग॥🌺 भावार्थ:-सतयु