एक बुज़ुर्ग शिक्षिका भीषण गर्मियों के दिन में एक बस में सवार हुई, पैरों के दर्द से बेहाल, लेकिन बस में खाली सीट न देख कर जैसे – तैसे खड़ी हो गई। क
एक बुज़ुर्ग शिक्षिका भीषण गर्मियों के दिन में एक बस में सवार हुई, पैरों के दर्द से बेहाल, लेकिन बस में खाली सीट न देख कर जैसे – तैसे खड़ी हो गई। क