मैं हमेशा कहता हूं कि धर्म आपको सहज करता है और पंथ आपको कुंठित कर देता है, फिर आपके अंदर विद्वेष और अलगाव की मनोवृति बढ़ती है और आपके अंदर उन विषयों क
मैं हमेशा कहता हूं कि धर्म आपको सहज करता है और पंथ आपको कुंठित कर देता है, फिर आपके अंदर विद्वेष और अलगाव की मनोवृति बढ़ती है और आपके अंदर उन विषयों क