"कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है ?, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते ?" ~ इर्तिज़ा निशात
"कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है ?, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते ?" ~ इर्तिज़ा निशात