जो दहकती आग के शोलों पे सोया वो हुसैन जो जवां बेटे की मय्यत पे न रोया वो हुसैन जिसने अपने ख़ून से दुनिया को धोया वो हुसैन जिसने सब कुछ खोकर फिर
जो दहकती आग के शोलों पे सोया वो हुसैन जो जवां बेटे की मय्यत पे न रोया वो हुसैन जिसने अपने ख़ून से दुनिया को धोया वो हुसैन जिसने सब कुछ खोकर फिर