अरब की रेगिस्तानी रवायतों में औरत हमेशा असबाब से ऊपर की हैसियत नहीं पा सकी जिसे जरूरतों के लिए रखा जाता था... ख्वाजा का सत्य। उसे अपनी मिल्कियत के
अरब की रेगिस्तानी रवायतों में औरत हमेशा असबाब से ऊपर की हैसियत नहीं पा सकी जिसे जरूरतों के लिए रखा जाता था... ख्वाजा का सत्य। उसे अपनी मिल्कियत के