यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः।   एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले।।   द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।।    अर्थ- जैसे पुरुष द 
    यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः।   एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले।।   द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।।    अर्थ- जैसे पुरुष द