न जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत इक आफताब के बेवक़्त डूब जाने से!! आफताब : सूरज
न जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत इक आफताब के बेवक़्त डूब जाने से!! आफताब : सूरज